Friday, February 26, 2010

१४११

एक बहुत ही अच्छा वीडियो देखने को मिला जो नीचे प्रस्तुत कर रहा हूँ




इधर कुछ दिनों से मै और मेरी पत्नी "शेर बचाओ अभियान " के शेर के छोटे बच्चे वाले वीडियो को देखकर ,उस पर चर्चा करते रहते थे | उस निहायत प्यारे पिल्लै को देख कर हम हमारे घर पर रही उसकी मौसी "म़ाऊ' के छोटे बच्चो को याद कर रहे थे |हमारे यहां म़ाऊ की चार पीढियां रहीं और उनका नाम करण मंचू १ से लेकर मंचू ४ था |वो भी क्या दिन थे जब घर बिल्लियों से भरा रहता था | पर अब हमारे यहां एक भी बिल्ली नहीं है |मेरी पत्नी सहसा बोल उठी की देखो इस शेर की तरह अपनी मंचू सीरिज भी विलुप्त हो गई | मैंने उसे टोकते हुए कहा की अभी शेर की प्रजाति विलुप्त नहीं हुई है और वैसे ही अपने घर में मंचू भले न हो पर बिल्ली की प्रजाति विलुप्त होने के बजाय काफी फल फूल रही है |
बातें करते करते हम टीवी पर चैनल भी बदल बदल कर देख रहे थे | एक चैनल पर सुरेश रैना शेर बचाओ का सन्देश दे रहे थे तो दुसरे पर धोनी ( १४-११ याने १४ की टीम और मैच खेलने वाले ११ )|थोड़ी देर बाद एक मूंछो वाला शेर (सुरिया) बचाओ बचाओ कह रहा था की तभी किरण बेदी जी दिखी | मैंने पत्नी से कहा अब तुम बेफिक्र हो जाओ ,किरण जी हैं न | अब शेरो को कोई मार नहीं सकता | इनकी बड़ी साख है ,ये जब पति पत्नी के झगडे सुलझा सकती है तो शेर और आदमी के बीच का वैमनस्य भी ख़तम कर देंगी और फिर शेर की प्रजाति बची रहेगी | बची क्या रहेगी खूब फलेगी फूलेगी |१४११ के २८२२ होने में अब कोई देर नहीं |ये बाते हो ही रही थी की तभी बत्ती गुल हो गई |टीवी बंद और हमारे मुह भी बंद |

चार दिन बाद सुबह सुबह टी वी पर ब्रेकिंग न्यूज थी कि हमारे देश से शेरो कि प्रजाती विलुप्त हो गई है।यह भी खबर थी कि सब शेरों ने सामूहिक आत्महत्या कर ली है। मै हैरान था कि अभी चार दिन पहले तो सब ठीक ठाक था ये अचानक क्या हो गया?ईतने सारे लोग शेरों के बारे मे सोच रहे थे ,जागरूक होकर उन्हे बचाने के प्रयास कर रहे थे तो इन ससुरों को आत्महत्या कि क्य सूझी? मैने पत्नी से पूछा ,शायद उसे कुछ पता हो ।
वो बोली , कल शेर बचाओ वाली एड मे सलमान और सैफ़ दिख रहे थे कंही ..........?.

1 comment:

Udan Tashtari said...

ऐसे में तो सामूहिक आत्म हत्या के अलावा क्या उपाय था उनके पास. :)

 
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