कुछ व्यक्ति अपना गुस्सा ,अपना क्षोभ ,अपनी कुंठाए लम्बे समय तक अपने अन्दर पाल कर रखते हैं. खुद भी दुखी रहते हैं और साथ वालों को भी दुखी करतें है . जो बीत गया उसका दुःख और भविष्य की चिंता में वर्तमान की ऐसी की तैसी हो रही है इसका उन्हें ख्याल भी नहीं रहता . हमेशा बड़े सुखो की चाह के चलते प्रचुर मात्रा में उपलब्ध छोटी छोटी खुशियाँ बेमानी हो जाती हैं .
Friday, December 11, 2009
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