हमें भी दोस्तों से काम आ पड़ा यानि
हमारे दोस्तों के बेवफा होने का वक्त आया। हरी चन्द अख्तर
दोस्ती जब किसी से की जाए
दुश्मनों की भी राय ली जाए । राह इन्दोरी
अपनों ने नज़र फेरी तो दिल ने तो दिया साथ
दुनिया में कोई दोस्त मेरे काम तो आया । शकील बदायुनी
वो मेरा दोस्त है सारे जहाँ को है मालूम
दगा करे वो किसी से तो शर्म आए मुझें । कतिल शिफाई
मेरी खुशी से मेरे दोस्तों को गम है "शमीम "
मुझे भी इसका बहुत गम है क्या किया जाए । शमीम जैपुरी
मैं मुद्दतो जिया हूँ किसी दोस्त के बगैर
अब तुम भी साथ छोड़ने को कह रहे हो , खैर । फिराक गोरखपुरी
हटाये थे जो राह से दोस्तों की
वो पत्थर मेरे घर आने लगे हैं । कुमार बाराबंकवी
Sunday, September 13, 2009
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment