Thursday, January 7, 2010

ये तो सरासर ................है !



शीर्षक में जो खाली स्थान है उसे आप अपनी मर्जी से जैसा चांहे वैसा भरले |

आज दोपहर को शासन की तरफ से एक पत्र आया |PNDT CELL (प्रसव पूर्व गर्भ निर्धारण एवं निदान अधिनियम ) जिसका की अध्यक्ष जिले का कलेक्टर और सचिव  मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी होता है उनकी तरफ से यह पत्र आया था |पत्र में यह फरमान था की जितने भी चिकित्सक सोनोग्राफी के लिए पंजीकृत हैं उन्हें एक पोस्टर अपने अस्पताल में किसी प्रमुख स्थान पर लगाना आवश्यक है | हम सभी सोनोग्राफर इस अधिनियम से बंधे हुए हैं और इसके दिशा निर्देशों का अक्षरश पालन करते हीं हैं | इस नए आदेश को न मानने का सवाल ही नहीं उठता था | किन्तु पोस्टर देखने के बाद मन क्षोभ एवं गुस्से से भर गया | क्या शासन एवं उसके कारिंदे इतने संवेदनहीन हो गए हैं या जान बूझ कर ऐसा कर रहे हैं ?  " मशीन खरीदी है तो खर्च निकालना ही होगा "  ये पढने के बाद हंसू की रोऊ समझ नहीं पा रहा था | पहले विचार आया था की इस बारे में जिलाधीश के समक्ष अपनी आपत्ति प्रस्तुत करना चाहिए  | फिर ख्याल आया की जिसने अपराध किया उसीको जज कैसे बनाऊं ? जिलाधीश द्वारा भेजे गए इस पोस्टर को देख कर मै तो किंकर्तव्यमूढ़ रह गया |

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