सुनो बेटा
दिल की दिल में
रख्खो बेटा
मेहनत का फल
चख्खो बेटा
ये दुनिया चाल
दोरंगी चलती
करना भरोसा
नक्को बेटा
जैसे तैसे गुजर जाएगी
दूजे की चुपडी मत
देख्खो बेटा
कर सको तो करो भलाई
यही नसीहत
सीख्खो बेटा
चोखा कोइ यार ढूंढना
वैसे तो मिलते
लख्खो बेटा
डरना नही अंधेरों से
कहानी जुगनू की
लिख्खो बेटा
खूब पढो आगे बढो
बैर बुराई
नक्को बेटा
अमर मलंग
Showing posts with label Poetry by AMAR MALANG. Show all posts
Showing posts with label Poetry by AMAR MALANG. Show all posts
Sunday, September 20, 2009
Subscribe to:
Posts (Atom)