Wednesday, August 26, 2009

फज़ल ताबिश के चंद शेर

रेशा रेशा उधेड़कर देखो / रौशनी किस जगह से काली है \

मचलते पानी में ऊंचाई की तलाश फजूल /पहाड़ पर तो कोई भी नदी नही जाती \

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